Rekha mishra

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लेखनी प्रतियोगिता -27-Jan-2022

                             दहेज का लोभ                           अनामिका कॉलेज में अपना ग्रेजुएशन पूरा करती हैं तभी उसकी मुलाकात एक लड़के राहुल से होती हैं | राहुल भी बहुत स्मार्ट और माता पिता का आज्ञाकारी बेटा हैं | दोनों एक दुसरे को पसंद करने लगते हैं | दोनों का ग्रेजुएशन पूरा होता हैं राहुल अपने शहर में जॉब करने लगता हैं और लड़की भी एक अच्छी जॉब कर रही हैं | दोनों ने निर्णय लिया कि अब माता पिता से शादी की बात करने का वक्त आ गया हैं लेकिन परेशानी यह हैं कि दोनों की कास्ट अलग-अलग हैं अनामिका ब्राह्मण हैं और राहुल राजपूत |राहुल के समाज में दहेज़ बहुत जरुरी हैं जो कि नगद में होता हैं उसके अलावा कई तरह के गिफ्ट्स और गहने की भी मांग की जाती हैं |  राहुल ने अनामिका को यह स्थिती स्पष्ट की और कहा घर वालो को मनाओ अगर तुम सभी मांगे पूरी करवाती हो तो मेरे माता पिता तुम्हे पलकों पर बैठायेंगे| अनामिका ने अपने माता पिता से यह बात कही अनामिका के माता पिता को यह बात पसंद नहीं थी पर अनामिका की जिद्द थी कि अगर मुझे दहेज़ दोगे तो मेरी इज्ज़त बढ़ेगी | अनामिका के माता पिता सक्षम भी थे बिना मांगे भी अनामिका को बहुत कुछ दे सकते थे पर उन्हें इस तरह दहेज़ की मांग करने वाले लोग पसंद नहीं आ रहे थे | लेकिन माता पिता अनामिका की ख़ुशी चाहते थे उन्हें यह डर था कि कही उनकी बेटी ये ना सोचे कि वे अपनी बेटी को कुछ देना नहीं चाहते |इसलिए उन्होंने सभी शर्ते मानी |शादी में राहुल को कार, फ्लेट, फ़र्निचर के साथ 50 लाख नगद दिए गये साथ ही अनामिका को गहने भी दिए गये और सभी रिश्तेदारों को गिफ्ट्स और कपडे भी दिए | शादी बहुत धूमधाम से की गई कोई कमी नहीं छोड़ी गई |अनामिका को मन ही मन यह गुमान था कि कास्ट अलग होने के बावजूद माता पिता ने उसकी शादी ससुराल के हिसाब से की | अनामिका को विश्वास था कि उसे बेटी बनाकर रखा जायेगा | उसे वही प्यार दिया जायेगा जो उसके माता पिता ने दिया क्यूंकि उसने अपने ससुराल का मान रखा हैं |अनामिका ने अपने घर से ससुराल बिदा ली | ब्राह्मण कन्या राजपूत घर की बहू बनी | ससुराल में बहुत ज्यादा पर्दा प्रथा थी | बहू को मनचाहा खाने तक की स्वतन्त्रता नहीं थी | कितनी भी भूख क्यूँ ना हो घर की बहू सबके खाने के बाद ही खाएगी |यहाँ तक की उसे घर के पुरुषो के सामने बैठने तक की इज़ाज़त नहीं थी |

अनामिका ने इस बात पर एतराज दिखाया पर उसकी किसी ने ना सुनी राहुल ने भी यह बोल कर मुँह फेर लिया कि यह तो परम्परा हैं | अनामिका को जो गुमान था वो धरा के धरा रह गया | उसे अपने माता पिता की बात याद आई जब उन्होंने समझाया था तो वह उनसे बहुत लड़ी थी उसने ससुराल में बात करने का फैसला किया | अनामिका ने अपने सास, ससुर और पति से बात की लेकिन उन्होंने नहीं सुनी और उसे बहुत बेरहमी से पिटा गया |अनामिका ने कभी ऐसा व्यवहार नहीं देखा था | उसे जिस लाये हुए दहेज़ पर घमंड था वह चूर-चूर हो गया था | अनामिका को माता पिता से बात करने भी शर्म महसूस हो रही थी और इसी कश्मकश में एक दिन अनामिका ने अपने आप को खत्म कर दिया |माता पिता को जब यह पता चला तो उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ कि वक्त रहते समझा होता तो बेटी साथ होती | जो लोग दहेज़ पर बेटे की शादी करते हैं उनकी सोच हर तरह से छोटी होती है  जो बेटे को नीलाम कर सकते हैं वो किसी और की बेटी को कैसे अपनी बेटी बना सकते थे | 
तो मेरी उन सभी माता-पिता से हाथ जोड़ कर विनती है लड़के के साथ उसका परिवार भी जाँच ले।हर बार जो दिखाई दे और दूर से सुनाई दे सच नहीं होता। उसका खमियाजा आपकी बेटी को भुगतना 

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2 Comments

Punam verma

28-Jan-2022 12:25 AM

Very true mam

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Abhinav ji

28-Jan-2022 12:03 AM

Nice

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